3 अप्रैल 2014

ज्ञान का एक दुर्लभ खजाना ऑनलाईन

पूर्व राष्ट्रपति ए.पी. जे. अब्दुल कलाम के अथक प्रयासों से प्रारम्भ की गई परियोजना Digital Library of India का मूर्त रूप आज भारतीय ऐतिहासिक पुस्तकों और पत्रिकाओं के एक ऐसे विशाल संग्रह का नाम बन चुका है, जिसमें आप एक बार जाने के पश्चात जाने कितने घंटे, दिन, माह और बरस बिताना पसंद करेंगे| यहाँ विभिन्न भाषाओं की दुर्लभ पुस्तकें और पत्रिकाएँ आपको मिल सकती हैं जो आप को किसी पुस्तकालय तक में धक्के खाने और भटकते खोजने पर भी संभवतः ना मिलें|

भाषा / वर्ष / विषय / अनुक्रम का चयन कर आप वहाँ डाऊनलोड के लिए उपलब्ध रीडर द्वारा इन पुस्तकों/ पत्रिकाओं को ऑनलाईन इनके मूल रूप में पढ़ सकते हैं|

लाखों पृष्ठों में समाहित यह एक ऐसा ऐतिहासिक संग्रह और कार्य है कि जाने आने वाली कितनी पीढियां इस से लाभान्वित और गौरवान्वित होंगी| पुनरपि अभी बहुत कार्य शेष है और निरंतर प्रगति पर है|

आप इस लिंक को अवश्य बुकमार्क कर लें व सहेज कर रख लें| नीचे इस परियोजना में सहायक और संलग्न संस्थाओं की सूची दी गई है -

Partners : India :Coordination and Research Centre in India

Indian Institute of Science, Bangalore

Academic Institutions

  • Anna University, Chennai, Tamil Nadu
  • Arulmigu Kalasligam College of Engineering (AKCE), Srivilliputur, Madurai, Tamil Nadu
  • Goa University, Goa
  • Indian Institute of Astrophysics, Bangalore,Karnataka
  • Indian Institute of Information Technology, Allahabad, Uttar Pradesh
  • International Institute of Information Technology, Hyderabad, Andhra Pradesh
  • Osmania University, Hyderabad
  • Punjab Technical University, Punjab
  • Shanmugha Art, Science, Technology & Research Academy, Tanjavur, Tamil Nadu
  • University Of Hyderabad, Hyderabad
  • University of Pune, Pune, Maharashtra

Religious and Cultural Institutions

  • Kanchi University, Kanchi, Tamil Nadu
  • Poornapragna Vidyapeetha, Bangalore
  • Salarjung Museum, Hyderabad
  • Sringeri Mutt, Sringeri, Karnataka
  • Tirumala Tirupati Devasthanams, Tirupati, Andhra Pradesh
  • Tibetan Monasteries and Literature on Jainism

Government and Research Agencies

  • Academy of Sanskrit Research , Melkote, Karnataka
  • CDAC- Noida
  • Indian Institute of Astrophysics, Bangalore,Karnataka
  • Maharashtra Industrial Development Corporation (MIDC), Mumbai, Maharashtra
  • Rashtrapathi Bhavan, New Delhi

United States of America

  • Carnegie Mellon University

China

  • Beijing University
  • Chinese Academy of Science
  • Fudan University
  • Ministry of Education of China
  • Nanjing University
  • State Planning Commission of China
  • Tsinghua University
  • Zhejiang University

इसके अतिरिक्त मैसूर विश्व विद्यालय ने अपना पूरा पुस्तकालय डिजिटलाईज़ करवा लिया हुआ है। 

हिन्दी पुस्तकों की दृष्टि से वर्धा विश्वविद्यालय का हिन्दी समय तो नवीन स्रोत है ही, इसके अतिरिक्त 'होमी भाभा विज्ञान शिक्षा केन्द्र'  - http://ehindi.hbcse.tifr.res.in/ भी पठनीय है।

कुछ अन्य स्थल ये भी हैं  - 

नेशनल लायब्रेरी नाम की इस राजकीय परियोजना को भी देखा जा सकता है  - http://www.nationallibrary.gov.in/

इस लिंक को देखना भी प्रासंगिक होगा - http://deity.gov.in/content/national-digital-library

NCERT की हिन्दी पुस्तकें भी ऑनलाईन उपलब्ध हैं - http://www.upscguide.com/content/ncert-hindi-medium-books-download

कई लोगों ने निजी तौर पर भी बहुत बढ़िया प्रयास किए हैं जिनमें यह प्रमुख है - http://www.apnihindi.com/

और तो और, मोबाईल के लिए ऑनलाईन हिन्दी पुस्तकालय भी उपलब्ध है, जिसका उपयोग मैं यात्रा आदि में नियमित पढ़ने के लिए करती हूँ।

यह एप्लीकेशन यहाँ उपलब्ध है - https://play.google.com/store/apps/details?id=in.co.akshar.hindibooks&hl=hi

स्वस्तिक (swastik)

स्वस्तिक (swastik)

बुल्गारिया मे 7000 वर्ष प्राचीन स्वास्तिक चिन्ह मिले हैं| हैं ना आश्चर्यजनक!

10168184_450254588444593_355242639_n  स्वस्तिक अत्यन्त प्राचीन काल से भारतीय संस्कृति में मंगल-प्रतीक माना जाता रहा है। इसीलिए किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले स्वस्तिक चिह्व अंकित करके उसका पूजन किया जाता है। स्वस्तिक शब्द सु+अस+क से बना है। ‘सु’ का अर्थ अच्छा, ‘अस’ का अर्थ ‘सत्ता’ या ‘अस्तित्व’ और ‘क’ का अर्थ ‘कर्त्ता’ या करने वाले से है। इस प्रकार ‘स...्वस्तिक’ शब्द का अर्थ हुआ ‘अच्छा’ या ‘मंगल’ करने वाला।

  स्वस्तिक में एक दूसरे को काटती हुई दो सीधी रेखाएँ होती हैं, जो आगे चलकर मुड़ जाती हैं। इसके बाद भी ये रेखाएँ अपने सिरों पर थोड़ी और आगे की तरफ मुड़ी होती हैं।

  स्वस्तिक की यह आकृति दो प्रकार की हो सकती है। प्रथम स्वस्तिक, जिसमें रेखाएँ आगे की ओर इंगित करती हुई हमारे दायीं ओर मुड़ती हैं। इसे ‘स्वस्तिक’ (卐) कहते हैं। दूसरी आकृति में रेखाएँ पीछे की ओर संकेत करती हुई हमारे बायीं ओर मुड़ती हैं। इसे ‘वामावर्त स्वस्तिक’ (卍) कहते हैं। जर्मनी के हिटलर के ध्वज में यही ‘वामावर्त स्वस्तिक’ अंकित था।

  लेकिन यही स्वास्तिक, यदि हम कहें कि बुल्गारिया में 7000 वर्ष पहले इस्तेमाल होता था, तो आपको आश्चर्य होगा| लेकिन यह सत्य है|
उत्तर-पश्चिमी बुल्गारिया के Vratsa नगर के संग्रहालय मे चल रही एक प्रदर्शनी मे 7000 वर्ष प्राचीन कुछ मिट्टी की कलाकृतियां रखी हई हैं जिसपर स्वास्तिक (卍) का चिन्ह बना है| Vratsa शहर के ही निकट Altimir नामक गाँव के एक धार्मिक यज्ञ कुण्ड के खुदाई के समय ये कलाकृतियाँ मिली थी |

स्वास्तिक का महत्व............

स्वास्तिक को चित्र के रूप में भी बनाया जाता है और लिखा भी जाता है जैसे "स्वास्ति न इन्द्र:" आदि.

स्वास्तिक भारतीयों में चाहे वे वैदिक हो या सनातनी हो या जैनी ,ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य ... शूद्र सभी मांगलिक कार्यों जैसे विवाह आदि संस्कार घर के अन्दर कोई भी मांगलिक कार्य होने पर "ऊँ" और स्वातिक का दोनो का अथवा एक एक का प्रयोग किया जाता है। हिन्दू समाज में किसी भी शुभ संस्कार में स्वास्तिक का अलग अलग तरीके से प्रयोग किया जाता है,बच्चे का पहली बार जब मुंडन संस्कार किया जाता है तो स्वास्तिक को बुआ के द्वारा बच्चे के सिर पर हल्दी रोली मक्खन को मिलाकर बनाया जाता है,स्वास्तिक को सिर के ऊपर बनाने का अर्थ माना जाता है कि धर्म,अर्थ,काम और मोक्ष चारों पुरुषार्थों का योगात्मक रूप सिर पर

हमेशा प्रभावी रहे,स्वास्तिक के अन्दर चारों भागों के अन्दर बिन्दु लगाने का मतलब होता है कि व्यक्ति का दिमाग केन्द्रित रहे,चारों तरफ़ भटके नही,वृहद रूप में स्वास्तिक की भुजा का फ़ैलाव सम्बन्धित दिशा से सम्पूर्ण इनर्जी को एकत्रित करने के बाद बिन्दु की तरफ़ इकट्ठा करने से भी माना जाता है,स्वास्तिक

का केन्द्र जहाँ चारों भुजायें एक साथ काटती है,उसे सिर के बिलकुल बीच में चुना जाता है,बीच का स्थान बच्चे के सिर में परखने के लिये जहाँ हड्डी विहीन हिस्सा होता है और एक तरह से ब्रह्मरंध के रूप में उम्र की प्राथमिक अवस्था में उपस्थित होता है और वयस्क होने पर वह हड्डी से ढक जाता है,के स्थान पर बनाया जाता है। स्वास्तिक संस्कृत भाषा का अव्यय पद है,पाणिनीय व्याकरण के अनुसार इसे वैयाकरण कौमुदी में ५४ वें क्रम पर अव्यय पदों में गिनाया गया है। यह स्वास्तिक पद ’सु’ उपसर्ग तथा ’अस्ति’ अव्यय (क्रम ६१) के संयोग से बना

है,इसलिये ’सु+अस्ति=स्वास्ति’ इसमें ’इकोयणचि’सूत्र से उकार के स्थान में वकार हुआ है। ’स्वास्ति’ में भी ’अस्ति’ को अव्यय माना गया है और ’स्वास्ति’ अव्यय पद का अर्थ ’कल्याण’ ’मंगल’ ’शुभ’ आदि के रूप में प्रयोग किया जाता है। जब स्वास्ति में ’क’ प्रत्यय का समावेश हो जाता है तो वह कारक का रूप धारण कर लेता है और उसे ’स्वास्तिक’ का नाम दे दिया जाता है। स्वास्तिक का निशान भारत के अलावा विश्व में अन्य देशों में भी प्रयोग में लाया जाता है,जर्मन देश में इसे राजकीय चिन्ह से शोभायमान किया गया है,अन्ग्रेजी के क्रास में भी स्वास्तिक का बदला हुआ रूप मिलता है,हिटलर का यह फ़ौज का निशान था,कहा जाता है कि वह इसे अपनी वर्दी पर दोनो तरफ़ बैज के रूप में प्रयोग करता था,लेकिन उसके अंत के समय भूल से बर्दी के बेज में उसे टेलर ने उल्टा लगा दिया था,जितना शुभ अर्थ सीधे स्वास्तिक का लगाया जाता है,उससे भी अधिक उल्टे स्वास्तिक का अनर्थ भी माना जाता है।
स्वास्तिक की भुजाओं का प्रयोग अन्दर की तरफ़ गोलाई में लाने पर वह सौम्य माना जाता है,बाहर की तरफ़ नुकीले हथियार के रूप में करने पर वह रक्षक के रूप में माना जाता है।

काला स्वास्तिक शमशानी शक्तियों को बस में करने के लिये किया जाता है,लाल स्वास्तिक का प्रयोग शरीर
की सुरक्षा के साथ भौतिक सुरक्षा के प्रति भी माना जाता है,डाक्टरों ने भी स्वास्तिक का प्रयोग आदि काल से किया है,लेकिन वहां सौम्यता और दिशा निर्देश नही होता है। केवल धन (+) का निशान ही मिलता है। पीले रंग का स्वास्तिक धर्म के मामलों में और संस्कार के मामलों में किया जाता है,विभिन्न रंगों का प्रयोग विभिन्न कारणों के लिये किया जाता

स्वास्तिक के चारो और सर्वाधिक पॉजीटिव ऊर्जा पाई गई है दूसरे नं. पर शिवलिँग है इसे वोविस नाम के वैज्ञानिक ने अपनी तकनीक से नापा इसलिये इसे वोविस इनर्जी कहते है । अधिक पाजिटिव इनर्जी की बजह से स्वास्तिक किसी भी तरह का वास्तुदोष तुरंत समाप्त कर देता है।

भोजन सम्बन्धी नियम

  1. पांच अंगो ( दो हाथ, दो पैर, मुख ) को अच्छी तरह से धो कर ही भोजन करे !
  2. गीले पैरों खाने से आयु में वृद्धि होती है !
  3. प्रातः और सायं ही भोजन का विधान है ! क्योंकि पाचन क्रिया की जठराग्नि सूर्योदय से 2 घंटे बाद तक एवं सूर्यास्त से 2:30 घंटे पहले तक प्रबल रहती है|
  4. पूर्व और उत्तर दिशा की ओर मुंह करके ही खाना चाहिए !
  5. दक्षिण दिशा की ओर किया हुआ भोजन प्रेत को प्राप्त होता है !
  6. पश्चिम दिशा की ओर किया हुआ भोजन खाने से रोग की वृद्धि होती है !
  7. शैय्या पर , हाथ पर रख कर , टूटे फूटे बर्तनो में भोजन नहीं करना चाहिए !
  8. मल मूत्र का वेग होने पर, कलह के माहौल में, अधिक शोर में, पीपल, वट वृक्ष के नीचे,भोजन नहीं करना चाहिए !
  9. परोसे हुए भोजन की कभी निंदा नहीं करनी चाहिए !
  10. खाने से पूर्व अन्न देवता , अन्नपूर्णा माता की स्तुति कर के , उनका धन्यवाद देते हुए , तथा सभी भूखो को भोजन प्राप्त हो ईश्वर से ऐसी प्राथना करके भोजन करना चाहिए !
  11. भोजन बनने वाला स्नान करके ही शुद्ध मन से, मंत्र जप करते हुए ही रसोई में भोजन बनाये और सबसे पहले ३ रोटिया अलग निकाल कर ( गाय , कुत्ता , और कौवे हेतु ) फिर अग्नि देव का भोग लगा कर ही घर वालो को खिलाये !
  12. इर्षा , भय , क्रोध, लोभ,रोग , दीन भाव,द्वेष भाव,के साथ किया हुआ भोजन कभी पचता नहीं है !
  13. आधा खाया हुआ फल ,मिठाईया आदि पुनः नहीं खानी चाहिए !
  14. खाना छोड़ कर उठ जाने पर दुबारा भोजन नहीं करनाचाहिए !
  15. भोजन के समय मौन रहे !
  16. भोजन को बहुत चबा चबा कर खाए !
  17. रात्री में भरपेट न खाए !
  18. गृहस्थ को ३२ ग्रास सेज्यादा न खाना चाहिए !
  19. सबसे पहले मीठा , फिर नमकीन , अंत में कडुवा खाना चाहिए !
  20. सबसे पहले रस दार , बीचमें गरिस्थ , अंत में द्राव्य पदार्थ ग्रहण करे!
  21. थोडा खाने वाले को --आरोग्य , आयु , बल , सुख, सुन्दर संतान ,और सौंदर्य प्राप्त होता है !
  22. जिसने ढिढोरा पीट कर खिलाया हो वहा कभी न खाए !
  23. कुत्ते का छुवा , रजस्वला स्त्री का परोसा, श्राद्ध का निकाला , बासी , मुंह से फूक मरकर ठंडा किया , बाल गिरा हुवा भोजन , अनादर युक्त , अवहेलना पूर्ण परोसा गया भोजन कभी न करे !
  24. कंजूस का, राजा का,वेश्या के हाथ का,शराब बेचने वाले का दिया भोजन कभी नहीं करना चाहिए|


यह नियम आप जरुर अपनाये और फर्क देखें ||

5 मार्च 2014

राजीव दीक्षित भाई के व्याख्यान

राजीव भाई के 330 घंटे के व्याख्यानों के नाम और links
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1: Aajadi Ka Asli Itihaas (आज़ादी का असली इतिहास)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=5
2: Aajadi ke baad bhi chal Raha Macaulay Ka Indian Education System (आज़ादी के बाद भी चल रही मैकाले की शिक्षण प्रणाली)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=6
3: Aajadi ke Baad bhi Gulami Ki Nishaaniya (आज़ादी के बाद भी गुलामी की निशानियां)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=7
4: Aajadi ke baad bhi Gulami Ki Nishaniya (Part 2) (आज़ादी के बाद भी गुलामी की निशानियां)(भाग २)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=8
5: Aajadi ke baad Swdeshi Apnane Ki Jarorat Kyun At patanjli (आज़ादी के बाद स्वदेशी अपनाने की जरुरत क्यों?)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=9
6: Aajadi Nahi yeh Dhokha hai At Akola (आज़ादी नहीं ये धोखा है)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=10
7: Aajadi se pahle swdeshi Andolan ki Ladai At hubli (Low Quality) (आज़ादी से पहले सदेशी आन्दोलन की लड़ाई)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=11
8: Aapka NonVeg Khana Global Warming Ka Sabse bada karan (आपका मांसाहार करना वैश्विक गर्मी का सबसे बड़ा कारण)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=12
9: Aarthik Gulami Mein dhansta hua Bharat (आर्थिक गुलामी में धंसता हुआ भारत)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=13
10: Aarthvyvstha(Economy)ke Barbaad hone ka karan aur Nivarn (अर्थव्यवस्था के बर्बाद होने का कारण और निवारण)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=14
11: Abhi Bhi Bharat Wasia hi Gulam hai at Mumbai Bonashai (अभी भी भारत वैसा ही गुलाम है)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=15
12: Agar Aap Karya karte hai to aapko kin niymo ka palan karna chahiye (अगर आप कार्य करते है तो आपको किन नियमो का पालन करना चाहिए)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=16
13: All About Coke Pepsi Superb Exposed (Coke-Pepsi की असलियत)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=17
14: America ka bharat par Aarthik prtibandh AT thane (अमेरिका का भारत पर आर्थिक प्रतिबन्ध)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=18
15: Andolan Ka Media Kaisa Hoga By Rajiv Dixit (आन्दोलन का मीडिया कैसा होगा?)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=19
16: Angrej to chalege lekin angrejiyat nahi gai at Nasik (अंग्रेज तो चले गए पर अंग्रेजियत नहीं गयी)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=20
17: Angrejee(English) Bhasha Ki Gulaami (अंग्रेजी भाषा की गुलामी)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=21
18: Angrezi Kaanoon Vyavastha (अंग्रेजी कानून व्यवस्था)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=22
19: Antarraashtriya sandhiyon(international treaties) Mein Phansa Bharat (अंतर्राष्ट्रीय संधियों में फंसा भारत)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=23
20: Anti hindu NGOs Andhshardha Nirmulam Smiti Exposed (हिन्दू विरोधी NGO अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की असलियत)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=24
21: Arthvyavastha Me Mandi Ke Kaaran Aur Nivaran (अर्थव्यवस्था में मंदी के कारण और निवारण)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=25
22: Ayurved organic Farming Black Money At Ratlam (आयुर्वेद जैविक कृषि, काला धन)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=26
23: Ayurveda And National Problems At Vilaspur (आयुर्वेद और राष्ट्रीय समस्याएं)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=27
24: Ayurveda vs Allelopathy Comparative Study (आयुर्वेद बनाम एलोपैथी)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=28
25: Ayurvedic Chikitsa (आयुर्वेदिक चिकित्सा)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=29
26: Ayurvedic Chikitsa At Dhamtari Chhattisgarh (आयुर्वेदिक चिकित्सा) (भाग २)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=30
27: Bhagwan Shri Ram Katha mein BHARAT ki Samsyao KA Samadhan (श्री राम कथा में भारत की समस्याओं का समाधान)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=31
28: Bhagwan Shri Ram Katha mein BHARAT ki Samsyao KA Samadhan (other Audio) (श्री राम कथा में भारत की समस्याओं का समाधान) (भाग २)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=32
29: Bharat Aajad Ya Gulaam At Sarni (भारत आज़ाद या गुलाम)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=33
30: Bharat Aur Europe Ki Sabhyata Aur Sanskriti at Kota (भारत और यूरोप की सभ्यता और संस्कृति)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=34
31: Bharat Aur Europe science and technology (भारत और यूरोप विज्ञान और तकनीक)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=35
32: Bharat Aur Europoe Ki Sanskriti at bhilwara (भारत और यूरोप की संस्कृति)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=36
33: Bharat Desh ki Vyatha At Hisar (भारत देश की व्यथा)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=37
34: Bharat Hai Kaisa Aur Banana kaisa hai at hyderabad (भारत है कैसा और बनाना कैसा है?)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=38
35: Bharat Ka Golden Past(Swarnim Atit) (भारत का स्वर्णिम अतीत)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=39
36: Bharat ka Sanskritik Patan kaise hua (भारत का सांस्कृतिक पतन कैसे हुआ?)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=40
37: Bharat ke kisano ke liye Organic kheti ka formula (भारत के किसानो के लिए जैविक खेती का सूत्र (नुस्खा))
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=41
38: Bharat ke kisano ki Gulami aur Kheti (भारत के किसानो की गुलामी और खेती)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=42
39: Bharat ke parmanu bomb se Dusre Desho ko takleef (भारत के परमाणु बम से दूसरे देशो को तकलीफ)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=43
40: Bharat ki Aetihaasik bhoole jo hame dubara nahi karni chahiye (भारत की एतिहासिक भूले जो हमें दुबारा नहीं करनी चाहिए)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=44
41: Bharat Ki Dunia Ko Den (भारत की दुनिया को देन)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=45
42: Bharat Ki Kanoon Aur Skiksha Vyvastha at Patanjali Yogpeeth 2010 May 2009 (भारत कानून और शिक्षा व्यवस्था)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=46
43: Bharat Ki Katha At Bolangir Odissa (भारत की कथा)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=47
44: Bharat ki Kheti(Agriculture) At Belgaum (भारत की कृषि)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=48
45: Bharat Ki Loot Aur Angreji Kanoon At Latur Maharastra(Low Quality) (भारत की लूट और अंग्रेजी कानून)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=49
46: Bharat Ki Manyatayen Aur uske khilaaf chal rahe Angreji Kanun (भारत की मान्यताये और उनके खिलाफ अंग्रेजी कानून)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=50
47: Bharat ki Sanskriti Aur Sabhyta kaise khatm ho rahi hai (भारत की संस्कृति और सभ्यता कैसे ख़त्म हो रही है?)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=51
48: Bharat ko aajadi mili hai lekin Swatantrata Nahi AT Betul (भारत को आजादी मिली है लेकिन स्वतंत्रता नहीं)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=52
49: Bharat mein Aathankvad Aur Uska Nivaran (भारत में आतंकवाद और उसका निवारण)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=53
50: Bharat mein hui pehli Kranti(1857) ki kahani At Manu Sanskriti Sansthan (भारत में हुई पहली क्रांति की कहानी)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=54
51: Bharat Mein Maut Ka Vyapar (भारत में मौत का व्यापार)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=55
52: Bharat Mein Nayi Vyvstha lane ke liye Hamari Ladai (भारत में नयी व्यवस्था लेन के लिए हमारी लड़ाई)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=56
53: Bharat mein Swarajya Kaise aayega At Kolhapur Maharashtra (भारत में स्वराज्य कैसे आएगा?)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=57
54: Bharat mein swine Flu ke pichle ka sach (भारत में स्वाइन फ्लू के पीछे का सच)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=58
55: Bharat Mein Videshi Kampnio Ki Loot (भारत में विदेशी कम्पनियों की लूट)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=59
56: Bharat Pakistan Kargil yudh Aur America (भारत पाकिस्तान कारगिल युद्ध और अमेरिका)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=60
57: Bharat Swdeshi ke Raste se hi swavlambi Banega (भारत स्वदेशी के रास्ते से ही स्वावलंबी बनेगा)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=61
58: Bharat Tab Aur Ab At Ujjain Bharat Swabhiman Andolan (भारत तब और अब)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=62
59: Bhartiyon Ki Mansik Gulami (भारतियों की मानसिक गुलामी)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=63
60: Black Money Swiss in Bank Poverty Population At Gujraat (काला शान स्विस बैंको में और गरीबी)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=64
61: Brain Drain in india At Pune Engg College (भारत से प्रतिभा पलायन)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=65
62: Charted Accountant Swadeshi Bharat(Low Quality) (चार्टड अकाउंटेंट, स्वदेशी भारत)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=66
63: Coke Pepsi Limca Fenta Dew All Soft Drinks Exposed (सभी शीतल पेयो की असलियत)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=67
64: CTBT Aur Bharathiya Asmitha (CTBT और भारतीय अस्मिता)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=68
65: Datun Vs Toothpaste (दातुन बनाम दंतमंजन)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=69
66: Duniya Ke Dusre Desho Mein Kranti Bharat Swabhiman (दुनिया के दुसरे देशो में क्रांति)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=70
67: During Bharat Swabhiman Movement (भारत स्वाभिमान आन्दोलन)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=71
68: England Ki Maharani Elizabeth Ki Bharat Yaatra (इंग्लैंड की महारानी की भारत यात्रा)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=72
69: Eye Opening Lecture Of Rajiv Dixit April-2009 (एक सच जो आपकी आँखे खोल देगा)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=73
70: family planning kaise karen By Rajiv Dixit (परिवार नियोजन कैसे करे)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=74
71: FDI In Insurance Sector During BJP Goverment (भाजपा सरकार के समय insurance में FDI)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=75
72: Garbhapat Ek Pap (गर्भपात एक पाप)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=76
73: Gatt Aggrement Effect on indian economy At Wadha (General Agrrement on tariff and trade) (GATT समझौते का भारत की अर्थव्यवस्था पर असर)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=77
74: GATT agreement at Parwada gate (GATT समझौता)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=78
75: Gau Agriculture aur Dharm (गौ आधारित कृषि और धर्म)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=79
76: Gau Hatya Aur Use Rokne Ke Upay(Low Quality) (गौ हत्या और उसको रोकने के उपाय)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=80
77: Gau Hatya Rajniti Supreme Court mein ladai at Aurngabaad (गौ हत्या की राजनीती और प्रधान न्यायालय में लड़ाई)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=81
78: Gau Htya Ka Itihaas (गौ हत्या का इतिहास)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=82
79: Globalization Banking Gulbarga Jan-2005 by Rajiv Dixit
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=83
80: Gold Silver(sona)(chandi) par Holmark ek Sajish At kolhapur (कीमती आभूषणों पर हालमार्क : एक साजिश)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=84
81: Golobalisation And Liberlisation Destroyed Indian Economy (भूमंडलीकरण और उदारीकरण द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था का विनाश)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=85
82: Goraksha Aur Uska Mahatv (गौरक्षा और उसका महत्त्व)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=86
83: Health Ayurveda And Homeopathy 6 hour At Patiala (स्वास्थ्य: आयुर्वेद और होम्योपैथी ६ घंटे)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=87
84: Health Lecture 1 Hour At Beed Maharashtra (स्वास्थ्य: १ घंटा)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=88
85: Health Lecture 2 hour BHARAT vs Europe at bhilwara (स्वास्थ्य:भारत बनाम यूरोप  २ घंटे)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=89
86: Health lecture 7 Hour At Pune (स्वास्थ्य: ७ घंटे)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=90
87: Health Lecture 10 hour At Chennai(Low Quality) (स्वास्थ्य: १० घंटे)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=91
88: Health Lecture 11 hour At chennai (११ घंटे)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=92
89: Health Lecture Among Students At Maharashta (स्वास्थ्य)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=93
90: Health Lecture how TO Give UP smoking drinking tobacco By Rajiv Dixit (स्वास्थ्य: शराब, गुटका, धुम्रपान कैसे छोड़े?)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=94
91: Health Lecture pulse diagnosis 1 Hour very Important (स्वास्थ्य: नाडी परिक्षण महत्वपूर्ण)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=95
92: Health Tips for Multiple diseases 4 hour Lecture (बहुत सारे रोगों के लिए स्वास्थ्य युक्तियाँ)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=96
93: Hindi bhasha ka mahtv AT HINDI Diwas Samaroh Hydrabad (हिंदी भाषा का महत्त्व)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=97
94: How To Work At Jodhpur-Azadi Bachao Andolon(Low Quality) (कम कैसे करे?)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=98
95: How TV Channel And Ads Wash Your Brain (कैसे TV और विज्ञापन आपका दिमाग कुंद कर रहे है?)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=99
96: How You Can Fight Against Multinationals (कैसे बहुदेशीय कंपनियों से लड़े)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=100
97: illegal mining Loot Solution At Hoshangabad (अवैध खनन और उपाय)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=101
98: India Unknown History Current Problems At Dubai (भारत का अज्ञात इतिहास और वर्तमान समस्याएं)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=102
99: Indian Western Civilization Comparative Study (भारत और यूरोप की सभ्यता)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=103
100: Iodine salt(namak)kabhi mat khaye (आयोडीन युक्त नमक कभी न खाए)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=104
101: Jana Gana Mana Vs Vandematram (जन-मन-गन बनाम वन्दे मातरम)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=105
102: Jaivik Kheti Kaise Karein (जैविक खेती कैसे करे?)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=106
103: Jivan Jine Ki Kala (जीवन जीने की कला)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=107
104: Kaise Shiksha(education) Bachcho ko di jaye By Rajiv Dixit (बच्चों को कैसी शिक्षा दी जाये?)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=108
105: Karyakartayon Ko Kya Karna hoga At Goa (कार्यकर्ताओं को क्या करना होगा?)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=109
106: Kashmir Samsya Aur Samadhan At kashmir (कश्मीर समस्या और समाधान)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=110
107: Kranti Hone Ke Kuch Udharan (क्रांति होने के कुछ उदाहरण)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=111
108: Lecture At Andhrapardesh
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=112
109: Lecture At Bathinda Punjab
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=113
110: Lecture At Bemetara Chhattisgarh
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=114
111: Lecture At Bhopal
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=115
112: Lecture At Biaora Rajgarh
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=116
113: Lecture At Bicholim Goa
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=117
114: Lecture At Bilaspur CG(Low Quality)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=118
115: Lecture At Budge Budge kolkata
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=119
116: Lecture At Delhi
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=120
117: Lecture At Dewas 6-April-2010
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=121
118: Lecture At Janjgir Champa CG
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=122
119: Lecture At Madurai
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=123
120: Lecture At Mungeli CG
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=124
121: Lecture At Pipariya
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=125
122: Lecture At Ponda Goa(Low Quality)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=126
123: Lecture At Raigarh(Low Quality).
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=127
124: Lecture At Sakti CG
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=128
125: Lecture At Shivpuri
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=129
126: Lecture At Sonkach Dewasmp(Low Quality)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=130
127: Lecture At Udhampur Health
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=131
128: Macaulay Education system in india (भारत में मैकाले शिक्षण व्यवस्था)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=132
129: Mahatma gandhi ko shradhanjali (महात्मा गाँधी को श्रद्धांजलि)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=133
130: Menstrual irregularity excess waist pain treatment - Rajiv Dixit (मासिक धर्म की अनियमितता       अतिरिक्त कमर दर्द उपचार)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=134
131: Pachhim Ka Manas (पश्चिम का मानस)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=135
132: paknhdi santo ka Sach By Rajiv dixit (पाखंडी संतो का सच)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=136
133: Patent Kaanoon Aur Davao Par Hamla (पेटेंट कानून और दवाओ पर हमला)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=137
134: Sangathan Ke Siddant And Maryada (संगठन के सिद्धांत और मर्यादा)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=138
135: Shaheedo Ke Sapno Ka Bharat At Gwalior (शहीदों के सपनो का भारत)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=139
136: Shaheedon Ke Sapno Ka Bharat At Himachal Pardesh (शहीदों के सपनो का भारत)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=140
137: Special Economic Zones Ya Bharat Ki Gulaami(Low Quality) (विशेष आर्थिक क्षेत्र या भारत की गुलामी)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=141
138: Students (विद्यार्थी)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=142
139: Students Lecture At Chandigarh 5-July-2010 (विद्यार्थी व्याखान)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=143
140: Svadeshi Andholan Me Ganesh Utsav Ka Mahatva (स्वदेशी आन्दोलन में गणेश उत्सव का महत्त्व)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=144
141: Swdeshi Pashudhan Aur Shakahaar (स्वदेशी पशुधन और शाकाहार)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=145
142: VAT Taxation System By Rajiv Dixit (वैट कर प्रणाली)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=146
143: Videshi Kampniyo Ki Loot Other Audio (विदेशी कम्पनियों की लूट)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=147
144: Vidheshi Vigyapano Ka Jhoot (विदेशी विज्ञापनों का झूठ)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=148
145: Vigyapano Ka Baal Man Par Prabhav (विज्ञापनों का बालमन पर प्रभाव)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=149
146: Vish Mukt Kheti samridh Kisan! (विष मुक्त खेती समृद्ध किसान)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=150
147: WTO Agreement Effect on Indian Economy at Amravati (WTO समझोते का भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=151
148: WTO And VAT Questions And Answers (WTO और वैट प्रश्न और उत्तर)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=152
149: WTO Current Problems Of India At Dubai (WTO: भारत की वर्तमान समस्या)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=153
150: WTO Effect On Gold Standard hall Mark (WTO का सोने के मानक हालमार्क पर प्रभाव)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=154
151: WTO Effect On Healthcare Rajiv Dixit (WTO का स्वास्थ्य देखभाल पर प्रभाव)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=155
152: WTO Impact On Services Sector 7 04 2005 In Raipur (WTO का सेवा क्षेत्र में प्रभाव)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=156
153: WTO On VAT 7 4 2005 In Raipur(Low Quality) (WTO और VAT)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=157
154: WTO short lecture Amravati bharat swabhiman
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=158
155: yuvaon ka Margdarshan by Rajiv dixit (युवाओ का मार्गदर्शन)
      http://www.rajivdixitmp3.com/?p=159

ये सारे व्याख्यान www.rajivdixitmp3.com पर डाले गए है अभी तक पूरे internet पर मात्र 45 mp3 लैक्चर ही उपलब्ध थे !
लेकिन इस website पर आपको पूरे 155 mp3 व्याख्यान मिलेंगे !!

14 फ़र॰ 2014

युद्ध के व्यूह

“महाभारत” एक ऐसा महाग्रंथ है जिसमे निहित ज्ञान आज भी प्रासंगिक है| इसमें बताये गए युद्ध के १८ दिनों में तरह तरह की रणनीतिया और व्यूह रचे गए थे | जैसे अर्धचंद्र, वज्र, और सबसे अधिक प्रसिद्ध चक्रव्यूह |
आखिर कैसे दिखते थे, कैसे निर्माण होता था इन व्यूहों का??  कैसा था चक्र व्यूह? यह सब जानने के लिए निम्नलिखित लेख पढ़े :-
●●● वज्र व्यूह ●●●
महाभारत युद्ध के प्रथम दिन अर्जुन ने अपनी सेना को इस व्यूह के आकार में सजाया था| इसका आकार देखने में इन्द्रदेव के वज्र जैसा होता था अतः इस प्रकार के व्यूह को "वज्र व्यूह" कहते हैं|

●●● क्रौंच व्यूह ●●●
क्रौंच एक पक्षी होता है, जिसे आधुनिक अंग्रेजी भाषा में Demoiselle Crane कहते हैं| ये सारस की एक प्रजाति है| इस व्यूह का आकार इसी पक्षी की तरह होता है| युद्ध के दूसरे दिन युधिष्ठिर ने पांचाल पुत्र को इसी क्रौंच व्यूह से पांडव सेना सजाने का सुझाव दिया था| राजा द्रुपद इस पक्षी के सिर की तरफ थे, तथा कुन्तीभोज इसकी आँखों के स्थान पर थे| आर्य सात्यकि की सेना इसकी गर्दन के स्थान पर थी| भीम तथा पांचाल पुत्र इसके पंखो (Wings) के स्थान पर थे| द्रोपदी के पांचो पुत्र तथा आर्य सात्यकि इसके पंखो की सुरक्षा में तैनात थे| इस तरह से हम देख सकते है की, ये व्यूह बहुत ताकतवर एवं असरदार था| पितामह भीष्म ने स्वयं इस व्यूह से अपनी कौरव सेना सजाई थी| भूरिश्रवा तथा शल्य इसके पंखो की सुरक्षा कर रहे थे| सोमदत्त, अश्वत्थामा, कृपाचार्य और कृतवर्मा इस पक्षी के विभिन्न अंगों का दायित्व संभाल रहे थे|

●●● अर्धचन्द्र व्यूह ●●●
इसकी रचना अर्जुन ने कौरवों के गरुड़ व्यूह के प्रत्युत्तर में की थी| पांचाल पुत्र ने इस व्यूह को बनाने में अर्जुन की सहायता की थी| इसके दाहिने तरफ भीम थे| इसकी उर्ध्व दिशा में द्रुपद तथा विराट नरेश की सेनाएं थी| उनके ठीक आगे पांचाल पुत्र, नील, धृष्टकेतु, और शिखंडी थे| युधिष्ठिर इसके मध्य में थे| सात्यकि, द्रौपदी के पांच पुत्र,अभिमन्यु, घटोत्कच, कोकय बंधु इस व्यूह के बायीं ओर थे| तथा इसके अग्र भाग पर अर्जुन स्वयं सच्चिदानंद स्वरुप भगवन श्रीकृष्ण के साथ थे!

●●● मंडल व्यूह ●●●
भीष्म पितामह ने युद्ध के सांतवे दिन कौरव सेना को इसी मंडल व्यूह द्वारा सजाया था| इसका गठन परिपत्र रूप में होता था| ये बेहद कठिन व्यूहों में से एक था, पर फिर भी पांडवों ने इसे वज्र व्यूह द्वारा भेद दिया था| इसके प्रत्युत्तर में भीष्म ने "औरमी व्यूह" की रचना की थी; इसका तात्पर्य होता है समुद्र| ये समुद्र की लहरों के समान प्रतीत होता था| फिर इसके प्रत्युत्तर में अर्जुन ने "श्रीन्गातका व्यूह" की रचना की थी| ये व्यूह एक भवन के समान दिखता था|

●●● चक्रव्यूह ●●●
इसके बारे में सभी ने सुना है... इसकी रचना गुरु द्रोणाचार्य ने युद्ध के तेरहवें दिन की थी| दुर्योधन इस चक्रव्यूह के बिलकुल मध्य (Centre) में था| बाकि सात महारथी इस व्यूह की विभिन्न परतों (layers) में थे| इस व्यूह के द्वार पर जयद्रथ था| सिर्फ अभिमन्यु ही इस व्यूह को भेदने में सफल हो पाया| पर वो अंतिम द्वार को पार नहीं कर सका तथा बाद में ७ महारथियों द्वारा उसकी हत्या कर दी गयी|

●●● चक्रशकट व्यूह ●●●
अभिमन्यु की हत्या के पश्चात जब अर्जुन, जयद्रथ के प्राण लेने को उद्धत हुए, तब गुरु द्रोणाचार्य ने जयद्रथ की रक्षा के लिए युद्ध के चौदहवें दिन इस व्यूह की रचना की थी!!
_____________ "एक भारतीय"

16 सित॰ 2013

क्या कहते है क,ख,ग ??

क - कलेश मत करो
ख- खराब मत करो
 

ग- गर्व ना करो
घ- घमणड मत करो
च- चिँता मत करो
छ- छल-कपट मत करो
ज- जवाबदारी निभाओ
झ- झुठ मत बोलो
ट- टिप्पणी मत करो
ठ- ठगाई मत करो
ड- डरपोक मत बनो
ढ- ढोँग ना करो
त- तुच्छवारा मत करो
थ- थको मत
द- दिलदार बनो
ध- धोखा मत करो
न- नम्र बनो
प- पाप मत करो
फ- फालतु काम मत करो
ब- बिगाड मत करो
भ- भावुक बनो
म- मधुर बनो
य- यश्वी बनो
र- रोओ मत
ल- लोभ मत करो
व- वेर मत करो
श- शत्रुता मत करो
ष- षटकोण की तरह स्थिर रहो
स- सच बोलो
ह- हँसमुख रहो
क्ष- क्षमा करो
त्र- त्रास मत करो
ज्ञ- ज्ञानी बनो !!

11 अग॰ 2013

आचार्य चाणक्य: एक देश निर्माता

चाणक्य
आचार्य चाणक्य एक ऐसी महान विभूति थे, जिन्होंने अपनी विद्वत्ता और क्षमताओं के बल पर भारतीय इतिहास की धारा को बदल दिया। मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चाणक्य कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में भी विश्वविख्‍यात हुए। इतनी सदियाँ गुजरने के बाद आज भी यदि चाणक्य के द्वारा बताए गए सिद्धांत ‍और नीतियाँ प्रासंगिक हैं तो मात्र इसलिए क्योंकि उन्होंने अपने गहन अध्‍ययन, चिंतन और जीवानानुभवों से अर्जित अमूल्य ज्ञान को, पूरी तरह नि:स्वार्थ होकर मानवीय कल्याण के उद्‍देश्य से अभिव्यक्त किया।

वर्तमान दौर की सामाजिक संरचना, भूमंडलीकृत अर्थव्यवस्था और शासन-प्रशासन को सुचारू ढंग से बताई गई ‍नीतियाँ और सूत्र अत्यधिक कारगर सिद्ध हो सकते हैं।


चाणक्य नीति के दुसरे अध्याय से यहाँ प्रस्तुत हैं कुछ अंश -

1. जिस प्रकार सभी पर्वतों पर मणि नहीं मिलती, सभी हाथियों के मस्तक में मोती उत्पन्न नहीं होता, सभी वनों में चंदन का वृक्ष नहीं होता, उसी प्रकार सज्जन पुरुष सभी जगहों पर नहीं मिलते हैं।

2. झूठ बोलना, उतावलापन दिखाना, दुस्साहस करना, छल-कपट करना, मूर्खतापूर्ण कार्य करना, लोभ करना, अपवित्रता और निर्दयता - ये सभी स्त्रियों के स्वाभाविक दोष हैं। चाणक्य उपर्युक्त दोषों को स्त्रियों का स्वाभाविक गुण मानते हैं। हालाँकि वर्तमान दौर की शिक्षित स्त्रियों में इन दोषों का होना सही नहीं कहा जा सकता है।

3. भोजन के लिए अच्छे पदार्थों का उपलब्ध होना, उन्हें पचाने की शक्ति का होना, सुंदर स्त्री के साथ संसर्ग के लिए कामशक्ति का होना, प्रचुर धन के साथ-साथ धन देने की इच्छा होना। ये सभी सुख मनुष्य को बहुत कठिनता से प्राप्त होते हैं।

4. चाणक्य कहते हैं कि जिस व्यक्ति का पुत्र उसके नियंत्रण में रहता है, जिसकी पत्नी आज्ञा के अनुसार आचरण करती है और जो व्यक्ति अपने कमाए धन से पूरी तरह संतुष्ट रहता है। ऐसे मनुष्य के लिए यह संसार ही स्वर्ग के समान है।

5. चाणक्य का मानना है कि वही गृहस्थी सुखी है, जिसकी संतान उनकी आज्ञा का पालन करती है। पिता का भी कर्तव्य है कि वह पुत्रों का पालन-पोषण अच्छी तरह से करे। इसी प्रकार ऐसे व्यक्ति को मित्र नहीं कहा जा सकता है, जिस पर विश्वास नहीं किया जा सके और ऐसी पत्नी व्यर्थ है जिससे किसी प्रकार का सुख प्राप्त न हो।

6. जो मित्र आपके सामने चिकनी-चुपड़ी बातें करता हो और पीठ पीछे आपके कार्य को बिगाड़ देता हो, उसे त्याग देने में ही भलाई है। चाणक्य कहते हैं कि वह उस बर्तन के समान है, जिसके ऊपर के हिस्से में दूध लगा है परंतु अंदर विष भरा हुआ होता है।

7. चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति अच्छा मित्र नहीं है उस पर तो विश्वास नहीं करना चाहिए, परंतु इसके साथ ही अच्छे मित्र के संबंद में भी पूरा विश्वास नहीं करना चाहिए, क्योंकि यदि वह नाराज हो गया तो आपके सारे भेद खोल सकता है। अत: सावधानी अत्यंत आवश्यक है।

8. चाणक्य का मानना है कि व्यक्ति को कभी अपने मन का भेद नहीं खोलना चाहिए। उसे जो भी कार्य करना है, उसे अपने मन में रखे और पूरी तन्मयता के साथ समय आने पर उसे पूरा करना चाहिए।

9. चाणक्य का कहना है कि मूर्खता के समान यौवन भी दुखदायी होता है क्योंकि जवानी में व्यक्ति कामवासना के आवेग में कोई भी मूर्खतापूर्ण कार्य कर सकता है। परंतु इनसे भी अधिक कष्टदायक है दूसरों पर आश्रित रहना।

10. चाणक्य कहते हैं कि बचपन में संतान को जैसी शिक्षा दी जाती है, उनका विकास उसी प्रकार होता है। इसलिए माता-पिता का कर्तव्य है कि वे उन्हें ऐसे मार्ग पर चलाएँ, जिससे उनमें उत्तम चरित्र का विकास हो क्योंकि गुणी व्यक्तियों से ही कुल की शोभा बढ़ती है।

11. वे माता-पिता अपने बच्चों के लिए शत्रु के समान हैं, जिन्होंने बच्चों को ‍अच्छी शिक्षा नहीं दी। क्योंकि अनपढ़ बालक का विद्वानों के समूह में उसी प्रकार अपमान होता है जैसे हंसों के झुंड में बगुले की स्थिति होती है। शिक्षा विहीन मनुष्य बिना पूँछ के जानवर जैसा होता है, इसलिए माता-पिता का कर्तव्य है कि वे बच्चों को ऐसी शिक्षा दें जिससे वे समाज को सुशोभित करें।

12. चाणक्य कहते हैं कि अधिक लाड़ प्यार करने से बच्चों में अनेक दोष उत्पन्न हो जाते हैं। इसलिए यदि वे कोई गलत काम करते हैं तो उसे नजरअंदाज करके लाड़-प्यार करना उचित नहीं है। बच्चे को डाँटना भी आवश्यक है।

13. शिक्षा और अध्ययन की महत्ता बताते हुए चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य का जन्म बहुत सौभाग्य से मिलता है, इसलिए हमें अपने अधिकाधिक समय का वे‍दादि शास्त्रों के अध्ययन में तथा दान जैसे अच्छे कार्यों में ही सदुपयोग करना चाहिए।

14. जिस प्रकार पत्नी के वियोग का दुख, अपने भाई-बंधुओं से प्राप्त अपमान का दुख असहनीय होता है, उसी प्रकार कर्ज से दबा व्यक्ति भी हर समय दुखी रहता है। दुष्ट राजा की सेवा में रहने वाला नौकर भी दुखी रहता है। निर्धनता का अभिशाप भी मनुष्य कभी नहीं भुला पाता। इनसे व्यक्ति की आत्मा अंदर ही अंदर जलती रहती है।

15. चाणक्य के अनुसार नदी के किनारे स्थित वृक्षों का जीवन अनिश्चित होता है, क्योंकि नदियाँ बाढ़ के समय अपने किनारे के पेड़ों को उजाड़ देती हैं। इसी प्रकार दूसरे के घरों में रहने वाली स्त्री भी किसी समय पतन के मार्ग पर जा सकती है। इसी तरह जिस राजा के पास अच्छी सलाह देने वाले मंत्री नहीं होते, वह भी बहुत समय तक सुरक्षित नहीं रह सकता। इसमें जरा भी संदेह नहीं करना चाहिए।

16. ब्राह्मणों का बल विद्या है, राजाओं का बल उनकी सेना है, वैश्यों का बल उनका धन है और शूद्रों का बल दूसरों की सेवा करना है। ब्राह्मणों का कर्तव्य है कि वे विद्या ग्रहण करें। राजा का कर्तव्य है कि वे सैनिकों द्वारा अपने बल को बढ़ाते रहें। वैश्यों का कर्तव्य है कि वे व्यापार द्वारा धन बढ़ाएँ, शूद्रों का कर्तव्य श्रेष्ठ लोगों की सेवा करना है।

17. चाणक्य कहते हैं कि जिस तरह वेश्या धन के समाप्त होने पर पुरुष से मुँह मोड़ लेती है। उसी तरह जब राजा शक्तिहीन हो जाता है तो प्रजा उसका साथ छोड़ देती है। इसी प्रकार वृक्षों पर रहने वाले पक्षी भी तभी तक किसी वृक्ष पर बसेरा रखते हैं, जब तक वहाँ से उन्हें फल प्राप्त होते रहते हैं। अतिथि का जब पूरा स्वागत-सत्कार कर दिया जाता है तो वह भी उस घर को छोड़ देता है।

18. बुरे चरित्र वाले, अकारण दूसरों को हानि पहुँचाने वाले तथा अशुद्ध स्थान पर रहने वाले व्यक्ति के साथ जो पुरुष मित्रता करता है, वह शीघ्र ही नष्ट हो जाता है। आचार्य चाणक्य का कहना है मनुष्य को कुसंगति से बचना चाहिए। वे कहते हैं कि मनुष्य की भलाई इसी में है कि वह जितनी जल्दी हो सके, दुष्ट व्यक्ति का साथ छोड़ दे।

19. चाणक्य कहते हैं कि मित्रता, बराबरी वाले व्यक्तियों में ही करना ठीक रहता है। सरकारी नौकरी सर्वोत्तम होती है और अच्छे व्यापार के लिए व्यवहारकुशल होना आवश्यक है। इसी तरह सुंदर व सुशील स्त्री घर में ही शोभा देती है।


                                                                                           _____________ "एक भारतीय"